धनबाद(DHANBAD): बाघमारा का केसरगढ़, मंगलवार की रात अवैध खदान धंसी, रात भर में कोयला तस्करों ने अवैध खदान के मुहानों की कथित रूप से भराई कर दी. आरोप के मुताबिक दबे लोगों को निकालने के बजाय मिट्टी डालकर ढक दिया गया. बुधवार की सुबह यह बात जंगल की आग की तरह फैली सबसे पहले जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर नौ लोगों के मरने की बात कही. उसके बाद डुमरी के विधायक जयराम महतो का भी ट्वीट आया. जिसमें 15 लोगों के मरने की आशंका जताई गई. 

बुधवार की दोपहर गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी और विधायक सरयू राय बाघमारा के केसरगढ़ पहुंचे .दृश्य देखकर कोई भी आश्चर्य में पड़ सकता था. कोयला माफिया का दोनों नेताओं को विरोध भी सहना पड़ा. सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के तेवर कड़े थे .विधायक सरयू राय  तो घटनास्थल का मुआयना कर लौट गए, लेकिन सांसद ने अपनी लड़ाई जारी रखी. 

उनका आरोप है कि कोयला माफिया ने उन्हें खाई में धकेलने की कोशिश की. समर्थक और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बचा लिया. खैर सांसद के पहुंचने के बाद कई थानों की पुलिस पहुंची. उसके बाद सांसद बाघमारा थाना पहुंच गए. वहां धरना पर बैठ गए. पुलिस रटती रही की उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है. कोई परिवार वाला भी सामने नहीं आया है. इस बात पर सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी खुद शिकायतकर्ता बन गए और उन्होंने पुलिस को लिखकर शिकायत दी. 

सांसद इस बात पर अड़े रहे कि जब तक एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य शुरू नहीं करेगी, वह धरना से नहीं उठेंगे और उन्होंने वैसा ही किया. बताया जाता है कि जब एनडीआरएफ की टीम पहुंची तब उन्होंने अपना धरना खत्म किया. कोयलांचल के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब अवैध खदान धंसने और उसमें दबे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया हो. एनडीआरएफ टीम घटनास्थल का मुआयना किया है. चुकीं खदान का कोई नक्शा उपलब्ध नहीं है, इसलिए टीम को भी परेशानी हो रही है. 

यह अवैध खदान है और खदान के  ठीक बगल में जमुनिया नदी गुजरी है. यह जंगली इलाका है. यहां गिरिडीह और जामताड़ा के मजदूरों को लाकर अवैध खनन कराया जा रहा था. इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं. सवाल यह भी है कि आखिर कब तक पेट के लिए लोग अपनी जान देते रहेंगे. कोयला काटने वालों को तो सिर्फ एक दिन की मजदूरी मिलती है ,लेकिन कोयला माफिया उन्हीं की बदौलत चमचमाती गाड़ियों में घूमते हैं. रौब गांठते फिरते है.जिस ढंग से घटनास्थल पर सांसद और विधायक का विरोध किया गया, उसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी आर्थिक ताकत कितनी मजबूत हो गई है. 

सांसद ने अपनी शिकायत में पांच दबे लोगों के नाम भी दिए हैं, जो  गिरिडीह के गांडेय विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे. जबकि एक जामताड़ा का रहने वाला था. घटनास्थल पर गए लोगों ने बताया कि बिल्कुल साफ है कि घटना के बाद मिट्टी डालकर मुहानों की भराई की गई है. यह मामला तूल पकड़ लिया है. देखना है इस मामले में आगे आगे होता है क्या??

रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो