पलामू(PALAMU): जिला प्रशासन ने आम जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में संचालित दो निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया. उपायुक्त समीरा एस के निर्देश पर गठित टीम ने निरीक्षण के दौरान हुसैनाबाद के अंबेडकर नगर स्थित के के हॉस्पिटल एवं पथरा रोड गजना में संचालित आदर्श हॉस्पिटल में कई कमियां पाई. इन कमियों के मद्देनजर निरीक्षण टीम  ने के के हॉस्पिटल को तत्काल सील कर दिया. वहीं आदर्श हॉस्पिटल में चिकित्सकीय कार्यों के संचालन पर रोक लगा दी गई.

अस्पताल पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी

निरीक्षण टीम का नेतृत्व अंचल अधिकारी पंकज कुमार, अनुमंडलीय अस्पताल, हुसैनाबाद के उपाधीक्षक डॉ. संजय कुमार रवि एवं थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी कर रहे थे.उपायुक्त समीरा एस ने कहा कि जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी को लेकर पलामू जिला प्रशासन तत्पर है. वे खुद भी स्वास्थ्य केन्द्र व आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति से अवगत हो रहीं हैं. संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहीं हैं. उन्होंने कहा कि जनहित में की जा रही निरीक्षण व कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य लोगों को समयबद्धता के साथ सुरक्षित व मानक अनुरूप चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है.

अयोग्य व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा था अस्पताल का संचालन

के के हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि यह अस्पताल रजिस्टर्ड है. निरीक्षण के दौरान एक बच्चा को नेबुलाईज किया जाता पाया गया, किंतु यहां  कोई भी चिकित्सक उपस्थित नहीं पाये गये. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा निरीक्षण टीम के समक्ष चिकित्सक से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई कागजात भी उपलब्ध नहीं कराया गया. बार-बार कहने के बावजूद भी पंजीकृत चिकित्सक से दूरभाष पर भी वार्ता नहीं कराया गया. वहीं उपस्थित चिकित्साकर्मियों की सूची, उनका शैक्षणिक योग्यता से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना या कागजात उपलब्ध नहीं कराये गये.

अस्पताल में दिखा गड़बड़ झाला

अस्पताल में उपलब्ध सशुल्क सेवाओं की सूची भी उपलब्ध नहीं पाया गया. एक भी फायर एक्सटिंग्विशर (आग बुझाने का यंत्र) उपलब्ध नहीं था. फायर एनओसी के लिए आवेदन दिया हुआ पाया गया. बायोमेडिकल से संबंधित एमओयू का कागजात टीम को उपलब्ध कराया गया, किंतु बायोबेस्ट का निस्तारण सही तरीके से नहीं किया जा रहा था. साथ ही एक भी कलर कोटेड डस्टबिन उपलब्ध नहीं था. अस्पताल में जहां-यहां कचरा, उपयोग किया हुआ सिरिंज, नीडील, कॉटन आदि खुले में फैला हुआ पाया गया. आंख जांच का मशीन उपलब्ध पाया गया, किंतु चिकित्सक उपस्थित नहीं थे. क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट में आंख संबंधित इलाज का कहीं कोई जिक्र नहीं था. लैब कलेक्शन सेंटर उपलब्ध था, किंतु कोई भी लैब टेक्नीशियन उपस्थित नहीं थे.

अयोग्य व्यक्ति देख रहा था फार्मेसी

 किसी भी प्रकार का कोई भी साइनेज उपलब्ध नहीं था. अस्पताल में दवा दुकान का भी संचालन किया जा रहा था, दुकान रजिस्टर्ड था, किंतु फार्मासिस्ट के स्थान पर अयोग्य व्यक्ति के द्वारा दवा बेची जा रही थी. अस्पताल में मरीज भर्ती थे, किंतु कोई भी चिकित्सक/ पैरामेडिकल स्टाफ/ योग्य चिकित्साकर्मी उपस्थित नहीं थे. ऐसे में केवल अस्पताल के रजिस्ट्रेशन के आधार पर अस्पताल का संचालन किसी अयोग्य व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा था. निरीक्षण के दौरान ऐसा प्रतीत हुआ, जिसके आधार पर सम्यक विचारोंप्रांत निरीक्षण टीम के द्वारा अगले आदेश तक अस्पताल को सील कर दिया गया.

चिकित्सीय कार्यों के संचालन पर रोक, 15 दिनों के अंदर सभी गैप पूरा करने का मिला समय

निरीक्षण टीम द्वारा आदर्श हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान पाया गया की यह क्लीनिक/अस्पताल रजिस्टर्ड है. निरीक्षण के दौरान कोई भी मरीज यहां भर्ती नहीं पाये गये एवं सहमति प्राप्त चिकित्सक भी उपस्थित नहीं मिले. दूरभाष पर बात किया गया, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वे 10 अक्टूबर 2025 को अपनी सेवा दिए थे, जिसका ओपीडी पंजी में रिकॉर्ड दर्ज मिला. उपस्थित चिकित्साकर्मियों की सूची, उनके शैक्षणिक योग्यता से संबंधित सभी प्रकार की कागजात भी उपलब्ध पाए गए. अस्पताल में उपलब्ध सशुल्क सेवाओं की सूची उपलब्ध नहीं थे. फायर एक्सटिंग्विशर दो उपलब्ध थे, फायर एनओसी के लिए आवेदन दिया गया था.

बायोमेडिकल से संबंधित एमओयू का कागजात उपलब्ध कराया गया, किंतु बायोवेस्ट का निस्तारण सही तरीके से नहीं किया जाता पाया गया. इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई हेतु सिविल सर्जन, पलामू से दूरभाष पर वार्ता किए जाने पर उनके द्वारा निर्देश दिया गया कि संबंधित अस्पताल को 15 दिन के अंदर सभी गैप को पूरा करने का समय दिया जाए. जबतक सभी गैप को पूरा नहीं कर लिया जाता है, तबतक अस्पताल प्रबंधन चिकित्सीय कार्यों का संचालन नहीं करेंगे, सभी गैप को पूरा करने के बाद अस्पताल प्रबंधन सूचित करेंगे. इसके उपरांत ही अस्पताल संचालन की अनुमति दी जाएगी. अन्यथा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट का रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए अस्पताल को सील कर दिया जाएगा.