बगहा (BAGHA):सावन के पावन महीने में शिवभक्ति की कई मिसालें देखने को मिलती है, लेकिन पश्चिम चंपारण जिले के बगहा निवासी धर्मेंद्र कुमार की कांवड़ यात्रा इस बार चर्चा में है. उन्हें अब लोग प्यार से 'फिट धर्मेंद्र' कहने लगे है वजह है उनका अनूठा संकल्प 100 लीटर गंगाजल के साथ 100 किलोमीटर की पदयात्रा.

ये कोई चैलेंज नहीं, यह मेरे मन की श्रद्धा है

धर्मेंद्र ने यह कठिन यात्रा वाल्मीकि नगर से शुरू की है. उनका लक्ष्य है रामनगर स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में जाकर जलाभिषेक करना. यह यात्रा तीन दिन और दो रातों से जारी है.धर्मेंद्र का कहना है कि यह कोई दिखावा या प्रदर्शन नहीं है. उन्होंने कहा 100 लीटर उठाकर चलना आसान नहीं है, लेकिन जब मन में श्रद्धा हो तो शरीर भी साथ देता है. यह कोई चैलेंज नहीं है, यह मेरे मन की भक्ति है.

रास्ते में मिल रही मदद, लेकिन अकेले ही पूरी करना चाहते हैं यात्रा

धर्मेंद्र की इस यात्रा ने लोगों का ध्यान खींचा है. गांव-गांव में लोग उन्हें पानी, फल और आराम के लिए जगह दे रहे है लेकिन धर्मेंद्र का कहना है,मैं यह यात्रा अपने बल पर पूरी करना चाहता हूं. कभी-कभी शरीर जवाब देने लगता है, लेकिन मन पूरी तरह तैयार रहता है.

फिटनेस बनी ताकत, भक्ति बनी प्रेरणा

धर्मेंद्र पहले से ही फिटनेस के प्रति जागरूक रहे है. रोज सुबह की सैर, दौड़ और कंधों की एक्सरसाइज़ उनकी दिनचर्या का हिस्सा रही है. उनका मानना है कि अगर शरीर साथ दे रहा है, तो उसका इस्तेमाल एक उद्देश्य के लिए होना चाहिए और सावन में शिवभक्ति से बेहतर कोई उद्देश्य नहीं हो सकता.

आज या कल सुबह नर्मदेश्वर मंदिर पहुंचने की संभावना

धर्मेंद्र की यात्रा अब अंतिम चरण में है. उम्मीद है कि वे आज देर शाम या कल सुबह नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर गंगाजल चढ़ाएंगे.धर्मेंद्र की यात्रा में न कोई तामझाम है, न कोई जत्था. वह अकेले हैं, चुपचाप चलते हैं, थकते हैं, रुकते हैं और फिर आगे बढ़ते है.यह यात्रा बताती है कि भक्ति दिखावे में नहीं, मन के संकल्प में होती है.