हजारीबाग(HAZARIBAG) झारखंड के हजारीबाग के बड़कागांव की रहने वाली आकांक्षा कुमारी ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) में भूमिगत खदान की इंजीनियर (माइनिंग इंजीनियर) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है और वह भारतीय कोयला निगम में खदान में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर बन गयी हैं. सीसीएल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सीसीएल के चार दशक के इतिहास में यह पहली बार है जब एक महिला माइनिंग इंजीनियर ने यहां कार्यभार ग्रहण किया है. आकांक्षा ने मंगलवार को नॉर्थ कर्णपुरा क्षेत्र की चूरी भूमिगत खदान में कार्यभार संभाला. mtg बयान में कहा गया कि आकांक्षा कोल इंडिया की दूसरी और भूमिगत खदान में योगदान देने वाली पहली महिला माइनिंग इंजीनियर हैं. उन्होंने अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में भूमिगत खदान को चुनकर न भ्रांति को तोड़ा है.और अपने जैसी और भी महत्वाकांक्षी छात्राओं को प्रेरित किया है.सीसीएल प्रबंधन ने बताया कि पहले माइनिंग में छात्राओं के लिए कोर्स नहीं होते थे. विज्ञप्ति में बताया गया है कि आकांक्षा ने अपनी स्कूली पढ़ाई नवोदय विद्यालय से की है. बचपन से ही उन्होंने अपने आस पास कोयला खनन की गतिविधियों को करीब से देखा है. जिसके कारण खनन के प्रति उनकी रुचि शुरू से ही रही हैं. यही कारण है कि उन्होंने इंजीनियरिंग में माइनिंग शाखा का चुनाव किया. उन्होंने 2018 में बीआईटी (सिंदरी) धनबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और कोल इंडिया में अपना योगदान देने से पहले उन्होंने तीन साल तक हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की राजस्थान स्थित बल्लारिया खदान में काम किया.उनके पिता अशोक कुमार बड़कागांव के एक स्कूल में शिक्षक हैं और मां गृहिणी हैं. आकांक्षा को केंद्रीय कोयला,खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस उपलब्धि पर आकांक्षा को ट्वीट कर बधाई दी है कहा कि आकांक्षा कुमारी की यह उपलब्धि दूसरी महिलाओं को प्रेरित करेंगी.
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