TNP DESK- 9 साल की बच्ची प्राची कुमावत जो राजस्थान के सीकर के दातारामगढ़ की रहने वाली थी. प्राची रोज की तरह खुशी-खुशी अपने स्कूल गई थी. मां ने घर से लंच में खाने के लिए टिफिन बनाकर भी दिया था. लेकिन ना तो प्राची को पता था और ना ही उसके घर वालों को कि आज प्राची स्कूल से फिर वापस नहीं आ पाएगी. 9 साल की मासूम प्राची क्लास खत्म होते ही टिफिन के समय अपना लंच बॉक्स खोलकर बैठी ही थी की तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे स्कूल में हर तरफ चीख पुकार मच गई. आईए जानते हैं क्या है पूरी स्टोरी .....

जानिए पूरा मामला

बता दे कि प्राची राजस्थान के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ाई करती थी. प्राची चौथी कक्षा की छात्रा थी. रोज की तरह जैसे ही लंच ब्रेक हुआ प्राची भी अपना लंच लेकर बैठ गई. उसने जैसे ही टिफिन खोला इसी दौरान अचानक से वह बेहोश हो गई. इसके बाद स्कूल परिसर में अफरा तफरी मच गई . आनन फानन में स्कूल के टीचर्स प्राची को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे. डॉक्टर ने तुरंत प्राची का चेकअप स्टार्ट किया और बताया कि प्राची की पल्स रेट कम हो रही है. उसका बीपी भी काफी लो हो गया है. डॉक्टर ने बताया कि प्राची में हार्ट अटैक के लक्षण दिख रहे हैं. हार्ट अटैक के लक्षण दिखते हुए ही डॉक्टर ने प्राची को तुरंत सीपीआर दिया और प्राची को ड्रिप भी चढ़ाया. डॉक्टर ने पूरी कोशिश की लेकिन जब प्राची की कंडीशन और बिगड़ने लगी तो उसे तुरंत बड़े अस्पताल के लिए रेफर किया गया.

प्राची के परिवार वाले उसे बड़े अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन इसी वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद परिवार के लोगों में चीख पुकार मच गई. स्कूल से लेकर परिवार तक के लोग सभी हैरान थे कि आखिर 9 साल की बच्ची को हार्ट अटैक कैसे आ सकता है.

कम उम्र में हार्ट अटैक के क्या हो सकते हैं कारण 

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार पिछले कुछ सालों में कम उम्र के बच्चों में हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं. कम उम्र में हार्ट अटैक आने के कई कारण हो सकते हैं. खराब लाइफस्टाइल, पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर,अनहेल्दी और फास्ट फूड्स का अधिक सेवन इन सभी से दिल के रोगों का खतरा अधिक रहता है. 

एक्सपर्ट के मुताबिक अभी के समय में हार्ट अटैक से बचाव के लिए बच्चों के लाइफ स्टाइल और खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों को संतुलित और पोषण युक्त आहार देना जरूरी है.साथ ही आजकल के बच्चों का स्क्रीनिंग टाइमिंग भी ज्यादा हो गया है ऐसे में जरूरत है कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी वाली चीजों में इंवॉल्व करें.