घाटशिला(GHATSHILA) के डुमरिया प्रखंड के बाहादा गांव के ग्रामीण पहाड़ की तलहटी में चुआ बना कर पानी पीने को विवश है. गांव में कुल 16 घर है. सभी सामजिक दूरी को बनाते हुए पहाड की तलहटी से पानी लेने आना-जना करते है. बीते एक साल से गांव के लोग चुआ बना कर पानी पी रहे है.  गांव में पहले तीन चापाकल थे. फ़िलहाल लेकिन सभी खराब पड़े है. पीएचईडी विभाग के द्वारा चापाकल से पाइप भी निकाला गया है. पाइप निकालने के दौरान ग्रामीणों से कहा गया था की गांव में जलमीनार का निर्माण कराया जाएगा. लेकिन अभी तक जलमिनार का निर्माण नहीं कराया गया है, और चापाकल को भी मरम्मत नहीं किया गया है. पानी के लिये अब गांव की हालत यह है कि गांव के ग्रामीण पहाड की तलहटी में चुआ बना कर पानी लेने को मजबूर हैं.

ग्रामीणों ने चंदा के पैसों से चापाकल कराया मरम्मत

डुमरिया प्रखंड का बाहादा गांव के लोग इन दिनों सड़क और पानी को लेकर परेशान है.गांव की हालत यह है कि बड़े बड़े पत्थरों से हो कर ग्रामीणों का आवागन है. पानी के लिये लोगो को पहाडी तलहटी से चुआ बना कर पानी पीना  पड़ता है. फ़िलहाल ग्रामीणों ने चंदा इकठ्ठा कर के  चापाकल मरम्मत कराया है, लेकिन उसमें भी पर्याप्त पानी नही मिल पा रहा है. ग्रामीणों को सबसे अधिक परेशानी इन दिनों बरसात में हो रही है. पहाड का बरसाती पानी और पत्थर लुढ़क कर चुआ में गिरता है. जिससे पानी दुषित हो जाता है, लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. बरसात के कारण चुआ के आस पास पानी का भी जमान बना रहता है. ग्रामीणों के अनुसार गांव के अंदर की सड़क पूरी तरह से जर्जर है. बीते दस सालों से इसी तरह की जर्जर सड़कों पर से आना-जाना होता है. पूर्व के विधायक मेनका सरदार को भी गांव की दुर्दशा दिखायी गयी थी लेकिन आज तक सड़क नही बना है. बाहादा गांव में एक एनजीओ के माध्यम से कुआं बनाया जा रहा था, लेकिन वह भी अधूरा छोड़ दिया गया है.  
 
रिपोर्ट: प्रभंजन कुमार,घाटशिला