चतरा(CHATRA) में अफीम की खेती करने वालों की अब खैर नहीं. पुलिस, जिला प्रशासन और पारा मिलिट्री के सहयोग से अफीम की खेती पर नकेल कसने के लिए ड्रोन से निगाहबानी की जाएगी. बता दें कि अफीम की खेती पर नकेल कसने को लेकर एसपी राकेश रंजन के नेतृत्व में एक बड़ी योजना बनाई गई है. जिसके तहत ड्रोन कैमरा के माध्यम से अफीम की खेती पर नजर रखी जाएगी.
तीसरी आंख का लिया जाएगा सहारा
चतरा जिले में मादक पदार्थों की खेती और तस्करी पर विराम लगाने को ले अब पुलिस ने पूरी तरह कमर कस ली है. चतरा जिला को अफगान के राह पर ले जाने में अहम भूमिका निभाने वाले अफीम की खेती पर नकेल कसने को लेकर पुलिस,जिला प्रशासन और पारा मिलिट्री फोर्स के सहयोग से बड़े स्तर पर अभियान चलाने की योजना में है. इस संयुक्त अभियान में अब तीसरी आंख यानी ड्रोन का भी सहारा लिया जाएगा. ताकि सुगम और सुदूरवर्ती जंगलों से घिरे इलाकों में भी पुलिस की पहुंच आसान हो. ऐसे इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ 190 बटालियन मिलकर संयुक्त रूप से ड्रोन से अफीम की खेती पर निगहबानी करेंगे.
पोस्ता की खेती पर लगेगा विराम
पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने इस मामले में कहा कि पोस्ता और गांजा की खेती करने वालों की अब खैर नहीं है. उन्होंने कहा है कि पोस्ता की खेती पर विराम लगाने के लिए एक साथ कई अभियान चलाए जा रहे हैं. ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जहां होर्डिंग और पोस्टर लगाए जा रहे हैं. वहीं थाना स्तर पर जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध लोगों की लगातार बैठके भी हो रही है. एसपी ने बताया है कि पुलिस के पास पर्याप्त संख्या में ड्रोन है. जिसका प्रयोग पोस्ता की खेती को रोकने के लिए किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने एक वृहत रणनीति तैयार की है. कहा है कि नार्कोटिक्स टीम को और गतिशील किया जाएगा. वहीं प्रशिक्षित जवानों के द्वारा ड्रोन ऑपरेट कर जंगली इलाकों की नियमित निगरानी की जाएगी. उन्होंने कहा कि जहां भी खेती होती है या उसकी संभावनाएं हैं, उन सभी स्थलों पर अभी से ही निगरानी कराई जा रही है.
अफीम की खेती और तस्करी करने वालों के खिलाफ मुखर होने की अपील
जिला एसपी ने कहा कि पोस्ता की खेती के अलावे अफीम और ब्राउन शुगर की तस्करी दंडनीय अपराध है. जिसका सामाजिक स्तर पर भी कुप्रभाव पड़ता हैं. उन्होंने जिलेवासियों से अफीम की खेती और तस्करी करने वालों के खिलाफ मुखर होने की अपील की है. कहा कि पुलिस उनकी पहचान गुप्त रखते हुए त्वरित कार्रवाई करेगी. कहा है कि इसकी खेती से न सिर्फ कृषि योग्य जमीन बंजर होते हैं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अफीम की खेती पर रोकथाम में पुलिस को सहयोग देने की अपील की है. साथ ही बताया कि इसमें सहयोग नहीं करने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट : संतोष कुमार, चतरा
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