धनबाद(DHANBAD): झरिया में शुक्रवार की देर रात को जमीन फटने की घटना के बाद कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे है.  डीएमएफटी फंड के उपयोग की बात भी उठने लगी है.  डीएमएफटी फंड में से एक बड़ा हिस्सा झरिया के बचाव पर खर्च करने की बात उठने लगी है.  झरिया के शिक्षक सह  सामाजिक कार्यकर्ता पिनाकी राय ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि झरिया के लोगों को सहयोग करे.  डीएमएफटी फंड में बड़ी राशि धनबाद को मिलती है और इस राशि से झरिया की आग को नियंत्रित किया जा सकता है. 

उन्होंने कहा है कि 18 जुलाई 2025 की रात को झरिया के इंदिरा चौक में  गौफ बना.  लगभग 80 वर्ग फुट का एक क्षेत्र, जिसमें एक वाहन (मेटाडोर 407 वैन) था, ज़मीन के 10-12 फुट नीचे धँस गया.  गोफ  से लगातार धुआँ निकलता रहा , कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आसपास के इलाके में दहशत फैल गई.  बीसीसीएल के नक्शे के अनुसार, यह इलाका आग से प्रभावित है, लेकिन बाकी झरिया शहर में कोई भूमिगत आग नहीं है. लगभग आठ साल पहले 25 मई 2017 को, इसी जगह पर, जो यहाँ से केवल 20-25 मीटर की दूरी पर है, भूस्खलन के कारण एक पिता-पुत्र जमीन  में समां गए थे. शव बरामद नहीं किया जा सका था, बहुत ही दर्दनाक घटना थी.  उस घटना के दौरान और उससे पहले, केंद्र सरकार से डीएमएफटी ( DMFT ) फंड आया था.  

डीएमएफटी (जिला खनिज प्राधिकरण फंड) के कम से कम एक हज़ार करोड़ रुपये के फंड का एक बड़ा हिस्सा, जो झरिया पर खर्च किया जाना चाहिए था, लेकिन ,झरिया कोलफील्ड के बजाय अन्य जगहों पर डायवर्ट कर दिया गया.  झरिया के कई प्रभावित क्षेत्र वंचित रह गए है.  झरिया के लोगों को सुरक्षित स्थिति प्रदान करने के लिए इस नीति में सुधार किया जाना चाहिए.  इंदिरा चौक की आग  स्थिर हो सकती है.  यह आग बेकाबू नहीं है , ये बात स्वयं राष्ट्रपति बनने के पहले ऐ. पी जे अब्दुल कलाम साहब ने 2002 में कही थी.  हाल ही में 25 जून 2025 को, केंद्र सरकार द्वारा मास्टर प्लान के अंतर्गत, भूस्खलन, अग्नि नियंत्रण और झरिया कोलफील्ड के पुनर्वास के लिए  5940 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है. उन्होंने कहा है कि आइए, एक विकासशील झरिया के लिए मिलकर काम करे.