टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में विकास की बात करते है लेकिन आज हम जिस तस्वीर के बारे में बतानेवाले है. उसको देखकर सभी लोग चिंतित हो जाएंगे कि आखिर विकास इसे कहते है क्या ? आए दिन आप लोग समाचार पत्र के माध्यम से पढते होंगे कि सड़क के अभाव में मरीजों को लोग खाट पर सुलाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाते है लेकिन आज तो हद हो गई, जहां घर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला ने बीच सड़क पर खाट पर ही नवजात को जन्म दे दिया.
घर तक नहीं पहुंच पाया एंबुलेंस
दअरसल बदहाली की ये तस्वीर झारखंड के चतरा जिले से सामने आई है. जहां प्रतापपुर में एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुआ जिसके बाद ममता 108 एम्बुलेंस को बुलाया गया लेकिन सड़क के अभाव में एम्बुलेंस महिला के घर तक नहीं पहुंच पाया. फिर क्या वही हुआ जो आए दिन हम समाचार पत्र के माध्यम से पढ़ते या देखते है. खाट पर महिला को एम्बुलेंस तक ले जाया जा रहा था तभी महिला को तेज दर्द हुआ और महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया.
अगर किसी की जान जाती है तो कौन लेकर जिम्मेदार
अब सवाल उठता है कि अगर इस दौरान महिला और बच्चे को किसी तरह की जान की हानि हुई होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होता है, आखिर उस नवाजत बच्चे की क्या गलती थी, जो अस्पताल के बजाये बीच रास्ते खाट पर जन्म लेना पड़ा. दअरसल चतरा के प्रतापगढ़ की ये पहली तस्वीर नहीं है अभी कुछ दिन पहले ही एक बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसके पिता ने खाट पर अस्पताल पहुंचाया था.
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