TNP DESK- हेमंत सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ अपनी 5 सूत्री मांगों के समर्थन में झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा आज से आंदोलन शुरू कर दिया है. मोर्चा का मानना है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि झारखंड में सरकार बनते ही 3 महीने के अंदर सभी सहायक अध्यापकों को समान कार्य का समान वेतन मिलने का वादा किया था. लेकिन 6 साल में भी हेमंत सोरेन ने अपना वादा नही निभाई और उल्टे अधिकारियों ने 1700 सहायक अध्यापक को कार्यमुक्त कर दिया. सरकार के घोषणा के बाद भी अभी तक सहायक अध्यापकों को सिर्फ ठगने का काम की है. मोर्चा ने निर्णय लिया है कि अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 4 से 7 अगस्त तक झारखंड के सभी सहायक अध्यापक विधानसभा का घेराव करेगी ताकी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार उनकी मांगों को स्वीकार कर दे.
इनकी प्रमुख मांगों में समान काम का समान वेतन, पूर्ववर्ती सरकार में राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमा वापस लेने,मृत सहायक अध्यापक के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देना, सेवानिवृत्त की उम्र 60 से 62 करना और फ़र्ज़ी शैक्षणिक संस्थान का हवाला देते हुए 1700 सहायक अध्यापक को कार्यमुक्त करने के आदेश को निरस्त कर सभी को कार्य पर लगाना है.
झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के देवघर के पदाधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर विधानसभा सत्र के दौरान सभी मांगे सरकार नही मानी तो 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के बाद चरणबद्ध आंदोलन चलाएगा.अपने आंदोलन की नीति का एक आवेदन मंत्री हाफिजुल हसन के मधुपुर स्थित आवास पर उनके प्रतिनिधि कोा सौपा.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
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