रांची(RANCHI): विधानसभा शीतकालीन सत्र में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सदन में झारखंड आंदोलनकारियों का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि राज्य का गठन लंबी लड़ाई के बाद हुआ. कई लोगों की जान झारखंड आंदोलन में चली गई. लेकिन जब राज्य अलग हुए तो उन्हें उम्मीद थी की राज्य में उन्हें भी हक़ और अधिकार मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ औऱ आलम यह है कि लंबे समय से पेंशन और अन्य मांगों को लेकर आवाज़ उठा रहे है. अब इस मुद्दे को आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सदन में उठाया है.सरकार से झारखंड के आंदोलनकारी को सम्मान देने की मांग की है.
विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान अपनी औऱ खिचां
बता दें कि कटौती प्रस्ताव पर चर्चा करने के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान अपनी और खिचां है. उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय नीति नियोजन नीति का मुद्दा लंबे समय से राज्य में सिर्फ राजनीति का हिस्सा बन कर रह गया है. एक साल पहले इसी सदन में 1932 के विधेयक को पेश किया गया. उसके बाद यह राजभवन से वापस लौट इसके बाद अब दोबारा से भेजने की तैयारी है. लेकिन सरकार को विचार करने की जरूरत है कि आखिर दिक्कत कहां आ रही है.जिससे विधेयक वापस लौटा दिया जा रहा है.
सदन में उठा झारखंड आंदोलनकारियों का मुद्दा
इसके अलावा लंबोदर महतों ने झारखंड आन्दोलन में शामिल लोगों को हक़ और अधिकार देने की मांग कर रहे है. लंबोदर महतो ने कहा कि झारखंड की लड़ाई किसी एक नए नहीं लड़ी है. इस आंदोलन में पूरे राज्य के लोग शामिल है. आंदोलनकारी को पूरा सम्मान मिलना चाहिए. जो लोग आंदोलन में शामिल थे उन्हें चिन्हित कर दिया गया है अब उन्हें पेंशन देने के वादे को जल्द पूरा करें.जिससे उनकी बची ज़िंदगी खुशियों में बीत सके.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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