बोकारो(BOKARO)-अगर आपके मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र आड़े नहीं आ सकती है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है चास के बाँधगोडा साइड के छोटे से घर  में रहने वाले 19 वर्षीय प्रेम कुमार ने.19 साल की उम्र में जावा प्रोग्रामिंग भाषा पर "गेटिंग इनसाइड जावा” नाम का किताब लिखा है, जो किताब अब बाजार में भी आ चुकी है. इस किताब के प्रकाशित होने पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के द्वारा प्रेम कुमार सम्मानित भी किया है. सबसे पहले बताते हैं कि जावा प्रोग्रामिंग पर इस किताब को लिखने का मकसद क्या है और इसे क्या कहते हैं .

क्या हैं "गेटिंग इनसाइड जावा

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पूरे विश्व के आईटी सेक्टर में जावा का एक क्रेज है. जावा को प्रोग्रामिंग के लिए सरल माना जाता है. इसी को देखते हुए वैसे विद्यार्थी जिन्हें प्रोग्रामिंग की कोई जानकारी नहीं है वह इस किताब को पढ़कर एप और वेबसाइट बना सकते हैं. जिसका लाभ उन्हें इस किताब से मिलेगा. वही इस किताब को लिखने वाले छात्र प्रेम कुमार ने बताया कि जब वह स्कूल में पढ़ाई कर रहा था उसी समय से उसे आईटी इंजीनियरिंग करने की ललक थी. उसने सिल्ली पॉलिटेक्निक, सिल्ली से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए दाखिला लिया. उसके बाद से ही उसने अपने शिक्षकों के सहायता से  जावा प्रोग्रामिंग पर एक पुस्तक जनवरी 2021 लिखनी शुरू कर दी. मार्च 21 को उसने यही पुस्तक पूरी तरह से लिख डाली .उसके बाद इस किताब का इवैल्यूएशन और सर्टिफिकेशन के लिए भेजा गया. जब इस किताब की पूरी सार्थकता सही पाई गई  तो 17 जून को इस किताब को लिखने के लिए 17 जून, 2021 को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र और मेडल भी दिया.

 

पहली बार एक 19 वर्षीय युवक ने लिखी जावा प्रोग्रामिंग पर किताब

जैसा कि प्रेम बताते है कि आज तक इतनी कम उम्र में किसी ने इस किताब को नहीं लिखा है. वह बताता है कि वह आगे चलकर और नाम कमाना चाहता है. वर्तमान में उसे इंफोसिस में नौकरी भी मिल गई है. इसकी कामयाबी पर पिता राजन महतो और मां मंजू देवी काफी खुश हैं. दोनों का कहना है कि छोटी सी उम्र में ही वह कंप्यूटर और मोबाइल को लेकर काफी उत्साहित रहता था. इस दौरान हमें यह लगता था कि वह मोबाइल में व्यस्त रह कर अपनी पढ़ाई को खत्म कर रहा है. लेकिन आज इस तरह का जो किताब उसने जावा प्रोग्रामिंग के ऊपर लिखा है वह हमें गर्व करता है. माता-पिता चाहते हैं कि वह और आगे बढ़े.

रिपोर्ट:चुमन कुमार, बोकारो