रांची (RANCHI): भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के तहत हर गरीब को पांच लाख तक मुफ़्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की थी, उसमें 60% केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार देती है. इसका लाभ उठाते हुए प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना बना दी है. इसकी भयावह स्थिति यह है कि यह सिर्फ योजना मात्र रह गई है और इस योजना के तहत भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार जो 10 बेड के भी अस्पताल है उन्हें भी सूचीबद्ध किया जा सकता है. अर्थात ग्रामीण क्षेत्रों में भी वहां के ग्रामीणों को इलाज की सुविधा हो रही थी, लेकिन झारखंड सरकार ने इसमें कटौती करने का प्रयास किया है. झारखंड में पहले 750 हॉस्पिटल को सूचीबद्ध किया गया था जहां गरीब से गरीब लोग इलाज करा पा रहे थे, लेकिन उसमें भी 538 हॉस्पिटल को पैसे नहीं मिल रहे हैं, जिससे यहां के गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा है.
सरना धर्मकोड कि उठी मांग
उन्होंने सरना धर्मकोड की मांग पर धरना एवं प्रदर्शन कर रहे जेएमएम और कांग्रेस के लोगो पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में लगातार ईसाइयों की संख्या बढ़ रही है और इसमें अधिकांश आदिवासी ही ईसाई बन रहे हैं. उन्होंने सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार सरना धर्मकोड पर वास्तव में चिंतित है तो पहले यह काम करें, कि तेजी से हो रहे धर्मांतरण को रोकने का प्रयास करें, और राजनीति न करें. झारखंड में 30 से 32 जातियां हैं, और उनकी आस्था है वह समाप्त न हो. सरकार को इसके लिए प्रयास करना चाहिए.
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