धनबाद(DHANBAD): अमेरिका द्वारा बढ़ाये गए शुल्क का असर झारखंड और बिहार जैसे राज्यों पर भी पड़ेगा. यह दोनों राज्य भी अछूते नहीं रहेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% आयात शुल्क के साथ 25 फ़ीसदी जुर्माना लगाने की घोषणा की है. इसके बाद अब अमेरिका भारतीय सामान पर 50 फ़ीसदी का आयात शुल्क लगाएगा. 27 अगस्त से यह फैसला प्रभावी हो जाएगा. इसके बाद अमेरिका में भारतीय वस्तुओं को निर्यात करना महंगा होगा. जिससे पूरे देश का निर्यात क्षेत्र प्रभावित हो सकता है.
जानकार यह भी मानते हैं कि लंबे समय बाद अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी, जिससे अमेरिका में रह रहे लोगों का जेब खर्च भी बढ़ सकता है. भारत से अमेरिका को सर्वाधिक निर्यात करने वाले सिर्फ तीन उद्योग इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न एवं आभूषण तथा फार्मास्युटिकल्स है. जिन पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. इतना ही नहीं, बिहार- यूपी और झारखंड के निर्यात पर भी इसका असर पड़ सकता है. झारखंड से स्टील और अल्युमिनियम का निर्यात होता है, जबकि बिहार से चावल और अन्य कृषि उत्पाद निर्यात होते है.
अमेरिका भारत से विभिन्न बासमती किस्म का चावल आयात करता है. बासमती चावल सर्वाधिक कृषि निर्यात किए जाने वाला कृषि उत्पाद है. भारत से अमेरिका हर साल भारी मात्रा में बासमती चावल खरीदता है. इधर, बताया जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को रूस से सस्ता तेल लेने से रोकना चाहते है. अमेरिका ने रूस और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में रूस पर शिकंजा कसने के लिए जो कम दाम पर कच्चा तेल खरीदने की अन्य देशों पर शर्तें लगा रखी थी, अब उसके उलट वह रूस से तेल खरीदने वाले दुनिया के तमाम देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहे है.
इधर, अब यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25 फ़ीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाने का भारत में विरोध किया है. भारत ने कहा है कि चीन और तुर्की रूस से लगातार तेल खरीद रहे हैं, लेकिन अकेले भारत को निशाना बनाया गया है. उसने अमेरिका के इस कदम को अनुचित और अविवेकपूर्ण करार दिया है. भारत ने कहा है कि उस पर ऐसे कार्य के लिए शुल्क लगाया जा रहा है, जिसे और देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के चलते कर रहे है. भारत अपनी हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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