धनबाद(DHANBAD): कारोबार और आस्था का अद्भुत संगम है बाबा धाम का सावन मेला. देवघर- बासुकीनाथ सड़क पर स्थित घोरमारा के पेड़ा  का स्वाद तो आपने भी चखा ही  होगा.  घर वालों को भी बाबा बासुकीनाथ का दर्शन करने जाने वालों से यहां के पेड़ों का इंतजार रहता है.  देवघर -बासुकीनाथ  धाम मुख्य मार्ग स्थित घोरमारा  पेड़ा का प्रसिद्ध बाजार है.  यहां सावन में तो ग्राहकों की खचाखच भीड़ रहती थी.  लेकिन इस सावन यह  बाजार गुलजार नहीं है.  कोई भी पूछ सकता है कि आखिर एकाएक घोरमारा के पेड़ों की पूछ कम क्यों हो गई है? तो ऐसा रूट डायवर्ट होने की वजह से हुआ  है.  जिन दुकानदारों को पेड़ा देने की फुर्सत नहीं रहती थी, वह अब ग्राहकों का इंतजार कर रहे है. 

कभी परेशान  रहने वाले दुकानदार अब करते है ग्राहकों का इंतजार 
 
यातायात व्यवस्था का शिकार यह बाजार हो गया है.  एक अनुमान के अनुसार 70 से 80 करोड रुपए के पेड़ा और खोवा का हर साल सावन के महीने में यहां कारोबार होता था.  एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन ढाई से तीन करोड़ का खोवा और पेड़ा बिकता था.  लेकिन इस सावन देवघर से बासुकीनाथ जाने वाले वाहनों के मार्ग का रूट डायवर्ट कर हंसडीहा  और नोनीहाट कर दिए जाने से घोरमारा  पेड़ा बाजार नुकसान में है.  बासुकीनाथ   से देवघर आने-जाने वाली बहुत कम गाड़ियां ही इस रास्ते से गुजर रही है.  फिलहाल दुकानदारों की माने तो प्रतिदिन 4 से 5 लाख  रुपए का ही कारोबार हो पा रहा है. 
 
रास्ता बदले जाने के कारण 60 से 70% पेड़ों की बिक्री घट गई 
 
रास्ता बदले जाने के कारण 60 से 70% पेड़ों की बिक्री घट गई है.  दुकानदारों के पास स्टॉक भी बढ़ गया है.  हर साल  लगभग 600 दुकानें सजती है.  इस वर्ष भी दुकानें सजी है.  दुकानदारों ने भारी मात्रा में खोवा, पेड़ा, इलायची दाना का स्टॉक किया है.  लेकिन खरीदार ही नहीं है.  दुकानदारों की माने तो सावन महीने की बिक्री से सालों भर उनका  घर चलता है.  इधर, बताया जाता है कि इस वर्ष सावन में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है.  पहली सोमवारी को पिछले साल की तुलना में 24000 से अधिक कांवरियों ने बाबा पर जल अर्पण किया.  मेला उद्घाटन के बाद से ही देवघर और बासुकीनाथ   में आस्था का सैलाब उम्र रहा है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो